India city news.com

मध्यप्रदेश सरकार चाहती है कि 2022 के परिसीमन के आधार पर ही नगरीय निकाय के चुनाव हों। यह हमारी मांग है। हालांकि यह निर्णय राज्य चुनाव आयोग को करना है। यह बात आज सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने प्रेस से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अंधा बांटे रेवड़ी चीन चीन के देय के तर्ज पर 2019 में परिसीमन किया था। मंत्री ने कहा कि चुनाव के लिए भाजपा पार्टी और कार्यकर्ता पूरी तरह तैयार है।

*कांग्रेस के कारण पिछडा वर्ग आरक्षण से वंचित, कांग्रेस नहीं चाहती कि स्थानीय चुनाव हों, याचिकायें लगवाकर रूकवाये चुनाव: प्रभारी मंत्री श्री भदौरिया*

*-स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा ने की प्रेस वार्ता*

रायसेन/स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग ओबीसी के आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी की अति महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता भाजपा जिला कार्यालय रायसेन में संपन्न हुई। प्रेस वार्ता में जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरविंद भदौरिया द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर पत्रकारों से चर्चा कर अपनी बात रखी। प्रेस वार्ता में सिलवानी विधायक श्री रामपाल सिंह, रायसेन जिले के संगठन प्रभारी श्री अल्केश आर्य, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश किरार, पूर्व विधायक श्री रामकिशन पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनीता किरार, जिला महामंत्री रामकुमार साहू, बलराम मालवीय, रविंद्र विजयवर्गीय, जिला मीडिया प्रभारी हरि साहू उपस्थित रहे।
        प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री श्री अरविंद भदौरिया ने कहा कि नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण करने के संबंध में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मध्यप्रदेश सरकार पारित आदेश में संशोधन का आवेदन दायर करके पुनः अदालत से आग्रह करेगी कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनाव सम्पन्न हों। उन्होंने कहा कि बिना ओबीसी आरक्षण के नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव कराये जाने की वर्तमान परिस्थिति कांग्रेस के कारण निर्मित हुई है। मध्यप्रदेश में तो 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव प्रक्रिया चल ही रही थी एवं सरकार द्वारा इसके अंतर्गत वार्ड परिसीमन वार्डों का आरक्षण, महापौर तथा अध्यक्ष का आरक्षण, मतदाता सूची तैयार करना आदि समस्त तैयारी कर ली गई थी। यहां तक की ओबीसी एवं अन्य उम्मीदवारों द्वारा नामांकन भी दाखिल कर दिया गया था, किन्तु कांग्रेस इसके विरूद्ध हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गई, जिससे होने वाले चुनाव प्रभावित हुए एवं व्यवधान उत्पन्न हुआ। कांग्रेस ने अपने याचिकाकर्ताओं मनमोहन नागर, जया ठाकुर व सैयद जाफर के माध्यम से कोर्ट में प्रकरण दाखिल किया गया। इस तरह न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझाकर ओबीसी हितों को कुचलने का काम कांग्रेस द्वारा किया गया है।
         उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने आयोग बनाकर 600 पेज की जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की, उसमें प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आर्थिक, सामाजिक,राजनैतिक परिस्थितियों के साथ एरियावाईज संख्या के आंकड़े विस्तृत रूप से प्रस्तुत किए थे। जिसमें बताया गया था कि 48 प्रतिशत से ज्यादा ओबीसी मतदाताओं की औसत संख्या मध्यप्रदेश में है। कुल मतदाताओं में से अजा/अजजा के मतदाताओं के अतिरिक्त शेष मतदाताओं में अन्य पिछड़ावर्ग के मतदाताओं की संख्या 79 प्रतिशत है, यह भी आयोग की रिपोर्ट में पेश किया गया था। आयोग ने स्पष्ट अभिमत दिया था कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों तथा समस्त नगरीय निकाय चुनावों के सभी स्तरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को कम से कम 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित होना चाहिए। हमारे मुख्यमंत्री द्वारा द्वारा 21 नवम्बर 2021 को मध्यप्रदेश पंचायत राज्य और ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश के माध्यम से कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्व में किये गये त्रुटिपूर्ण परिसीमन को निरस्त करते हुए यथास्थिति बनाई। यह कांग्रेस का वह असली ओबीसी विरोधी चेहरा है, जो मध्यप्रदेश की विधानसभा के दस्तावेजों में सदैव के लिए साक्ष्य बन गया है।
        श्री भदौरिया ने कहा कि श्री शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली प्रदेश की भाजपा सरकार सदैव ओबीसी आरक्षण के पक्ष में रही है एवं यह भाजपा सरकार ही है जिसने विधानसभा में यह संकल्प पारित कराया कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिए। भाजपा सरकार तथा संगठन हमेशा से नगरीय / ग्रामीण निकायों के चुनाव का पक्षधर रहा है। यह सर्वमान्य तथ्य है कि कमलनाथ ने अपनी सरकार के रहते पिछड़ा वर्ग के एक भी अभ्यर्थी को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं मिलने दिया, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी ने मुख्यमंत्री बनने के एक महीने के भीतर ही यह संभव कर दिखाया था।
       भाजपा ने प्रदेश में वर्ष 2004 से लगातार 3 अन्य पिछड़ा वर्ग के मुख्यमंत्री प्रदेश को दिये। मंत्रिमण्डलों में भी OBC के मंत्रियों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व / स्थान दिया गया है। हमारे मुख्यमंत्री श्री चौहान जो स्वयं अन्य पिछडा वर्ग से आते हैं, उन्होंने स्वयं तत्काल दिल्ली जाकर मान. उच्चतम न्यायालय के उपरोक्त निर्णय में संशोधन किये जाने का आवेदन लगाये जाने के लिये Solicitor General से चर्चा की तथा निर्णय को संशोधन कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
       भाजपा शीघ्र चुनाव कराना चाहती है तथा उसके लिए पहले भी कई बार प्रयास किये गये हैं। भाजपा यह भी चाहती है कि चुनाव पिछडे वर्ग के आरक्षण के साथ हो। शीघ्र चुनाव कराये जाने एवं अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण के साथ कराये जाने का पुरजोर प्रयास भाजपा सरकार द्वारा किया जा रहा है।
      इस अवसर पर इलेक्ट्रिक एवं प्रिंट मीडिया सहित कार्यालय मंत्री मोहन चक्रवर्ती, सह कार्यालय मंत्री जीतू ठाकुर, कपिल पटेल, उपाध्यक्ष वर्षा लोधी, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष सिद्दीक सिद्धकी,  मिट्ठू लाल धाकड़,  बृजेश चतुर्वेदी सहित अन्य कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।

       

न्यूज़ सोर्स : Icn