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(उपेन्द्र मालवीय औबेदुल्लागंज )
घर की सबसे छोटी बेटी, सबकी लाडली, सबकी प्यारी बेटी आज जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है। बेटी को जिंदगी की जंग जितने के लिए जरूरत है 11 लाख रुपये की।
पिता सरकार समेत लोगो से बेटी को बचाने के लिए गुहार लगा रहा है। लोगो और सरकार से कुछ मदद तो मिल गई है लेकिन इतनी नही है कि मासूम का इलाज हो सके। हम बात कर रहे है औबेदुल्लागंज के वार्ड 2 ग्राम सनोटी में रहने वाले शरद यादव की। शरद यादव की तीन बेटियां है और सबके छोटी बेटी ईशा 13 बर्ष को गंभीर बीमारी है (जिसमे सर की नसे फूल जाती है) उसके इलाज के लिए 11 लाख रुपये की जरूरत है ईशा को नागपुर के न्यू इरा हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ईशा का जल्द से जल्द ऑपरेशन होना बहुत जरूरी है बिना ऑपरेशन के बेटी का बचना मुश्किल है। पिता शरद औबेदुल्लागंज नर्सरी में गार्ड की नोकरी करते है और किराये के मकान में रहकर तीनो बेटियों का पालन पोषण करते है। पिता के पास इतने पैसे नही है कि वो अपनी बेटी का इलाज करा सके,पिता ने स्थानीय लोगो से मदद की गुहार लगाई तो सोशल मीडिया पर एक मुहिम चलाकर एक लाख रुपये की राशि जमा की गई। वही मुख्यमंत्री सहायता राशि के तौर पर डेढ़ लाख की मदद मिली तो वही विधायक सुरेंद्र पटवा ने एक लाख की मदद दी।
परिवार मजदूरी करके अपना जीवन चलता है।
ईशा की बड़ी बहन दर्शाना यादव ने नम आंखों से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं लोगों से मदद की गुहार लगाई है। पिछले एक महीने से 13 साल की ईशा नागपुर के न्यू इरा हॉस्पिटल में भर्ती है लेकिन पैसे नही होने के कारण उसका ऑपरेशन नही हो पा रहा है।


न्यूज़ सोर्स : Icn