जिस समाज में एकता होती है वही समाज फलती फूलती है -मुनि श्री कुंथ सागर महाराज
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(राजकिशोर सोनी)
उक्त उदगार मुनि श्री कुंथ सागर महाराज ने श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में अपने प्रवचनों में कहीं आगे आप ने कहा कि देश हो समाज हो या परिवार हो उसमें एकता होना जरूरी है जिस परिवार में भोजन एक साथ किया जाता है वह परिवार फलता फूलता है और जिस मंदिर में अभिषेक और पूजन सामूहिक होते हैं वह मंदिर और वह समाज निरंतर उन्नति के पथ पर बढ़ता है पूजन से पहले कभी भोजन नहीं करना चाहिए पहले पूजन इसके बाद भोजन पूजन के पहले भोजन करना उस तरह से है जिस तरह से कीचड़ उठाने के उपरांत बिना हाथ धोए भोजन ग्रहण करना है आगे आपने कहा कि जब पुण्य कर्म उदय होता है तब सारे कार्य सफल होते जाते हैं और संतों का आशीर्वाद हो तो उस समाज की उन्नति को कोई नहीं रोक सकता कुंडलपुर पंचकल्याणक का उदाहरण देते हुए आपने कहा की पूरे विश्व में बीमारी फैली हुई थी और जनवरी माह में तो यह तीव्रता पर थी लेकिन फरवरी माह में जैसे ही संत कुंडलपुर जी में एकत्रित हुए बीमारी का पता ही नहीं चला और पंचकल्याणक का कार्य सानंद संपन्न हो गया।इसके पूर्व मुनि श्री 108 उत्तम सागर जी मुनि श्री 108 कुन्थ सागर जी एवं मुनि श्री 108 पुराण सागर जी की अगवानी रायसेन जैन समाज ने ढोल नगाड़ों के साथ की उक्त आशय की जानकारी देते हुए समाज के प्रचार प्रसार व्यवस्थापक राकेश जैन ने बताया कि महाराज जी का रात्रि विश्राम ग्राम पठारी में हुआ था शहर के पाटन देव से श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर के अध्यक्ष नरेंद्र जैन सांस्कृतिक मंत्री मनोज जैन विनोद जैन आशीष जैन प्रचार प्रसार व्यवस्थापक राकेश जैन प्रदीप जैन सहित विदिशा से आई समाज ने भी महाराज श्री की अगवानी की यह शोभायात्रा श्री 1008 शांतिनाथ जिनालय होती हुई श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुंची जहां शांति धारा की प्रथम बोली डॉक्टर बृजेश जैन विदिशा वालों ने शांति धारा की दूसरी बोली श्री सुधीर जैन पुत्र श्री बुद्ध सेन जैन ने प्राप्त की इसके अलावा चार इंद्र भी बनाए गए हैं समाज के लोगों ने आचार्य गुरुवर विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण दीप प्रज्वलन महाराज जी को शास्त्र भेंट सहित कई कार्यक्रम संपन्न किए