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(राजकिशोर सोनी)
भीषण गर्मी के दौरान जल संकट की स्थिति बनने लगी है. सरकार ग्रामीण अंचलों में जल जीवन मिशन के तहत हर घर में पानी पहुंचाने का दावा कर रही है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आज भी अनेकों गांव पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। हालात यह है कि दूर-दूर से पीने का पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं।
सांची विकासखंड की ग्राम पंचायत अम्बाड़ी के अंतर्गत आने वाले ग्राम मुस्काबाद में पिछले कई सालों से पीने के पानी की एक एक बूंद के लिए ग्रामीणों को संघर्ष करना पड़ता है गांव पहाड़ी किनारे ऊंचाई पर बसा है गांव की महिलाओं को काफी नीचे से पानी को हैंड पंप से भरकर ऊंचाई पर लाना पड़ता है पानी की एक-एक बूंद के लिए जद्दोजहद करना पड़ती है। गांव में पीने के पानी के लिए पीएचई विभाग द्वारा नल जल योजना की स्वीकृति मिली जैसे तैसे गांव में पानी की टंकी बनी तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली मगर टंकी 3 महीने बीत जाने के बाद भी शो पीस बनी हुई है नल जल योजना की पाइप लाइन बिछाई नहीं गई पीएचई विभाग के ठेकेदार का कोई अता पता नहीं है जिससे ग्रामीणों के अरमानों पर पानी फिर गया है और नल जल योजना ठप पड़ी हुई है। ग्रामीणों को पानी के लिए हैंडपंप से पानी लाने को मजबूरी बनी हुई है। इतना ही नहीं पानी के नंबर को लेकर महिलाएं आपस में उलझते हुए देखी जा रही है। नल जल योजना के तहत बनाई गई पानी टंकी शो-फीस बन गई हैं।ग्रामीण पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। सरकार ने गांव में पानी की समस्या से निपटने के लिए न कुछ ही माहे पूर्व ही लाखों रुपया खर्च कर पानी टंकी का निर्माण कार्य किया था वही घरों तक पानी भेजने के लिए पाइप लाइन अब तक बिछाई नहीं गई है। पीएचई विभाग के ठेकेदार का अधूरा काम करने के बाद अब तक कोई पता नहीं है कई बार शिकायत करने के बावजूद भी पीएचई अफसर व कर्मचारी जल संकट से मुक्ति नहीं दिला पा रहे है।

ग्रामीणों के अनुसार नल जल योजना पूरी होने का दावा तो किया जाता है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही समाने नजर आ रही है। पेयजल को लेकर ग्रामीण मांग कर चुके हैं। लेकिन ग्रामीणों की मांग को तवज्जो नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते ग्रामीणों को पेयजल के लिए हैंडपंप पर निर्भर बने हुए हैं।


न्यूज़ सोर्स : Icn