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*मंत्रालय जैसे सर्वोच्च कार्यालय की दो संस्थाओं के पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा दर्ज कराने की कार्यवाही शुरू की*
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*मनमानी कर रहे अन्य संगठनों में भय का माहौल बना*
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*पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश में मप्र सोसायटीज पंजीकरण अधिनियम को लोगों ने मजाक बना लिया था। एक ही संस्था के नाम पर अनेक प्रबंध समितियां गठित हो जाती थी।एक ही संस्था के तीन-तीन चार-चार अध्यक्ष बन जाते थे और सभी अपनी गतिविधियां ठप्पे से चलाते थे।यह बीमारी कर्मचारी संगठनों,खेल संगठनों, व्यापारी संगठनों इत्यादि में फैलती जा रही थी। ऐसा माहौल बना दिया गया था कि पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं जैसी विधिसम्मत संस्था का कोई भय ही नहीं रह गया था।यह धारणा बना दी गई थी कि किसी भी संस्था के नाम पर कुछ भी करते रहो। किसी का कुछ नहीं बिगड़ता। किसी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होती। पंजीकृत संस्थाओं के क्षेत्र में घोर अराजकता व्याप्त हो गई थी।*
      *वर्तमान पंजीयक एवं सहायक पंजीयक, भोपाल संभाग द्वारा इस अराजकता की स्थिति को सुधारने के लिए अभी अभी कठोर कदम उठाए गए हैं जिसकी सर्वत्र सराहना की जा रही है। सुधारने की शुरुआत मंत्रालय जैसे सर्वोच्च कार्यालय की संस्थाओं से की गई है। यह और ज्यादा सराहनीय कदम है।इसका संदेश दूर तक जायेगा। सहायक पंजीयक, भोपाल संभाग ने सचिवालय शीघ्रलेखक संघ और सचिवालय स्पोर्ट्स क्लब के पदाधिकारियों के विरुद्ध धारा 38-39 के तहत प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा दर्ज कराने की कार्यवाही शुरू की गई है और उसके पहले धारा-37 के तहत नोटिस जारी कर दिया गया है। सहायक पंजीयक के उल्लेख अनुसार मंत्रालय जैसी प्रतिष्ठित जगह पर संचालित उक्त दोनों संस्थाओं में वर्षों से मनमानी चल रही थी और सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के प्रावधानों की घोर अवहेलना की जा रही थी। दशकों से धारा-27 की जानकारी नहीं दी गई। दशकों से आडिट और आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत नहीं किया गया था।चंद लोग कब्जा किए बैठे थे।न सदस्यता होती थी और न विधिवत चुनाव कराये जाते थे।‌सहायक पंजीयक भोपाल की इस सख्त़ कार्रवाई से मनमानी कर रहे अन्य संगठनों में भी भय व्याप्त हो गया है। सहायक पंजीयक का यह निर्णय चर्चा का विषय बना हुआ है।*
        *सहायक पंजीयक भोपाल संभाग द्वारा की गई इस सख्त कार्रवाई का कर्मचारी नेताओं ने स्वागत किया है और इस कार्रवाई को अन्तिम परिणाम तक पहुंचाने की उम्मीद जताई है। इससे संगठनों में कानून का राज स्थापित होगा।*

*राजकुमार पटेल कार्यकारी अध्यक्ष मंत्रालयीन कर्मचारी संघ*

न्यूज़ सोर्स : Icn