बहुओं के खिलाफ शिकायत लेकर आई सास, बोली करतीं हैं बदनाम
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(रायसेन से शिवलाल यादव की रिपोर्ट)
रायसेन। घरों के छोटे-छोटे विवाद, जो आपसी समन्वय से निपट सकते हैं, लेकिन उन्हें बढ़ावा देकर लोग परिवार तोड़ने पर उतारू हो जाते है, परिवार परामर्श केंद्र इन्ही विवादों को समझाइश के माध्यम से सुलझाकर टूटते परिवारों को बचाने में जुटा है। हालांकि कुछ लोगों का अड़ियल रवैया परिवार के साथ खुद और बच्चों का भविष्य खराब कर देता है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया जिसमे एक विवाहिता ने लाख समझाइश से बाद भी अकेले रहने का रास्ता चुना, उसने तीन मासूम बच्चों की परवाह भी नहीं की, उन्हें पति के पास छोड़ किसी अन्य के बहकाबे में आकर उसने अपना भरापूरा परिवार ठुकरा दिया।
मंगलवार को परिवार परामर्श केंद्र की बैठक में कुल 11 प्रकरण रखे गए, जिसमे से 7 प्रकरणों में पक्षकार अनुपस्थित रहे, इन सभी प्रकरणों में आगामी तारीख दी गई है। एक प्रकरण जिसमें 12 साल पुराने दाम्पत्य जीवन को छोड़कर पत्नी तीन साल से मायके तामोट में रह रही थी। उसके तीन बच्चे पति के साथ है। पति ने पत्नी को वापस बुलाने आवेदन दिया, पत्नी को समझाइश दी गई था कहा गया कि यदि पति से कोई समस्या है, तो वह उन्हें दूर करेगा, आगे से उसे कोई परेशानी नहीं आएगी। सभी प्रकार से समझाने के बाद भी महिला ने साफ मना के दिया कि वह पति के साथ नहीं रहेगी। पति ने बताया कि महिला किसी अन्य युवक के वाहकाबे में आकर उसका घर मिटा रही है, उसके बच्चों का भी भविष्य खराब हो रहा है, लेकिन पत्नी ने किसी भी कीमत पर न तो बच्चों का ख्याल किया और न ही पति के साथ रहने को राजी हुईं। पत्नी के न मानने पर पर पति को न्यायालय में जाने की सलाह दी गई। एक अन्य प्रकरण में सास ने अपनी तीन बहुओं के खिलाफ दिए आवेदन में कहा कि वे उसे बदनाम करती है, तीनों बहुएं अपने मायके में जाकर रह रही है, उन्होंने बेटों के घर भी बिगड़ दिये है, जबकि उसके तीनों को यथा संभव हिस्सा देकर उनका बंटवारा कर दिया और वह खुद अपने पति के साथ अलग रहती है, उसका बेटों की गृहस्थी में कोई दखल नहीं है, इसके बाद भी वह ठीक से नहीं रहती और उसे अलग रहने के वाबजूद मायके से ही फोन लगाकर धमकाती हैं और घर बेंचने का कहती हैं। इस प्रकरण में लगातार दूसरी बार भी अन्य पक्ष की ओर से कोई उपस्थिति नहीं होने पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। तीसरे प्रकरण में डेढ़ साल पहले हुई शादी के 8 महिने बाद ही पति-पत्नी अलग हो गए। हालांकि समझाइश के बाद पत्नी पति के साथ रहने को राजी होने के बाद भी पति उसे रखने को राजी नहीं हो रहा था, ऐसे में महिला को पति के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने की सलाह दी गई।
परिवार परामर्श केंद्र की बैठक में एसडीओपी अदिति भावसार, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, आरक्षक लोकेंद्र मोर्य उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से परिवारिक विवादों को आपसी सहमति के सुलझाने का प्रयास किया जाता है।

न्यूज़ सोर्स : (रायसेन से शिवलाल यादव की रिपोर्ट)