(राजकिशोर सोनी)
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रायसेन।शहर के सागर भोपाल तिगड्डे पर स्थित कामधेनु शॉपिंग कॉम्प्लेक्स परिसर में जिला लोधी समाज समिति द्वारा वीरांगना रानी अवन्ति बाई लोधी की प्रतिमा लगाई जा रही थी।लेकिन इसके विरुद्ध एक व्यापारी ने हाई कोर्ट जबलपुर में याचिका दायर कर दी थी।जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट जबलपुर से दिए गए फैसले में रानी अवन्ति बाई की प्रतिमा लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।जिससे लोधी समाज में निराशा का माहौल बन गया है।
प्रशासनिक न्यायमूर्ति पुष्पेंद्र कुमार कौरब की युगलपीठ में सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए नगरपालिका परिषद रायसेन पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।हाई कोर्ट जबलपुर ने इनमें से 10 हजार रुपये याचिकाकर्ता को और20 हजार रुपये हाइकोर्ट विधिक सेवा समिति के पास जमा कराने के आदेश पारित किए गए हैं।इसी के साथ कोर्ट में जनहित में याचिका के पटाक्षेप करते हुए यह निर्णय सुनाया है।
जनहित याचिका कर्ता तालाब मोहल्ला वार्ड 9 रायसेन निवासी प्रदीप कुमार चौधरी व अन्य ने हाई कोर्ट जबलपुर में याचिका दायर कर चुनोती दी थी।इनके वकील शुभम राय, अमन गुप्ताने अपना पक्ष रखा।यह दलील हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति के समक्ष पेश की।बेटरनरी अस्पताल के नजदीक जिला बेटरनरी हॉस्पिटल की पशु रोगी कल्याण समिति रायसेन की 37 दुकानों का कामधेनु शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाया गया है।इस शॉपिंग काम्प्लेक्स परिसर में नगर पालिका परिषद रायसेन और जिला लोधी समाज रानी अवन्ति बाई लोधी की प्रतिमा लगाना चाहते हैं। जो इस शॉपिंग काम्प्लेक्स की पार्किंग व सुगम आवागमन में बाधा डालेगी।मालूम हो कि वर्ष2010 में नगर पालिका परिषद में इस प्रतिमा को लगाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था।याचिका कर्ता की मंशा पर नगर पालिका परिषद रायसेन की ओर से सवाल उठाए गए।अंतिम सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने यह पाया कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली ने अंतरिम आदेश जारी कर यह पाया कि 2013 के बाद सार्वजनिक स्थल व आवागमन में बाधा बनने वाली प्रतिमाओं को फौरन हटाया जाए।

न्यूज़ सोर्स : Court news