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(राजकिशोर सोनी )
विश्व धरोहर दिवस के मौके पर रायसेन जिला मुख्यालय पर स्थित रामछज्जा शैल चित्र स्थान पर शोध करने आए बनारस ओर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्राओं ने मौजूदा शैल चित्रो की हालत देखकर गंभीर चिंता जताई है।

रायसेन जिला मुख्यालय पर पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित प्राचीन किले की पहाड़ी के दूसरे छोर पर आदिमानव कॉल के बने सैकड़ो शैल चित्र इन दिनों असामाजिक तत्वों एवं खनिज माफियाओं के कारण इस धरोहर का दिनों दिन छरण हो रहा हैं।  बनारस से आई एक शोध कर्ता छात्रा निहारिका श्रीवास्तव
ने दावा किया हैं कि यहा बने शैल चित्र विश्व प्रसिद्ध स्थान भीम बैठिका से भी ज्यादा स्पष्ट और बढिया स्थिति में है। लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा इनकी देख रेख नही किये जाने के कारण लोग इन स्थानों पर आकर पिकनिक पार्टी कर रहे है। जिससे  इनके अस्तित्व पर बड़े सवाल खड़े होने लगे हैं। यह बड़ी बात यह भी है कि इसी रायसेन जिले में ऐसे ही शैल चित्रों को लेकर भीमबेटका स्थान को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर घोषित किया गया है। वही हैरत की बात है कि संरक्षण के अभाव में उसी रायसेन जिले में ही सैकड़ों बेशकीमती शैलचित्र नष्ट होने की कगार पर पहुंच गए हैं।
विश्व धरोहर दिवस के मौके पर रायसेन आए मध्य प्रदेश के सीनियर पुरातत्वविद नारायण व्यास और उनकी टीम ने आज रायसेन के राम छज्जा स्थित शैल चित्रों पर भ्रमण कर एक गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें शोधकर्ता छात्र-छात्राओं सहित स्थानीय इतिहास संकलन समिति के सदस्य एवं पुरातत्व प्रेमी मौजूद रहे। इस दौरान नारायण व्यास वरिष्ठ पुरातत्वविद भोपाल
 ने कहा की राम छज्जा के स्थान को संरक्षित करने और यहां पर बेशकीमती आदिमानव काल की धरोहर रॉक पेंटिंग को संरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन से मांग की हैं। दरअसल इस इलाके में अवैध रूप से खनिज माफिया पहाड़ी की तलहटी में मुरम कोपरा का उत्खनन कर रहा है। जिससे पूरे इलाके का छरण तेजी से हो रहा है। मैं यहां आने वाले पर्यटकों के मार्ग पर नगर पालिका रायसेन द्वारा ट्रेंचिंग ग्राउंड का निर्माण कर कचरे का निष्पादन कार्य कराया जा रहा है जिससे पूरा रास्ता गंदगी से सराबोर हो गया है। इस मौके पर सभी ने चिंता व्यक्त कर इस इलाके को संरक्षित करने के सरकार से मांग की है एवं इसके लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की भूमिका बनाई जा रही है। इस अवसर पर पुरातत्व विद राजीव लोचन चौबे ,गिरधारी लाल शाक्य ,डा एच बी सेन समेत बड़ी संख्या में पुरातत्व प्रेमी मौजूद थे 

न्यूज़ सोर्स : Icn