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रायसेन।जिले में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है। शिक्षा में आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों की प्रवेश 
शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है। अधिकतर स्कूलों में अप्रैल में भी प्रवेश प्रक्रिया चलती है। ऐसे में अभिभावक भी अपने संसाधनों के अनुसार बच्चों को प्रवेश दिला रहे हैं। मई-जून में आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी।तब तक अभिभावक प्रवेश करा चुके होंगे। ऐसे में आरटीई के तहत प्रवेश कम संख्या में होंगे, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। पिछले सत्रों में भी आरटीई में प्रवेश की संख्या कम रही है, इस बार भी 40 फीसदी से ज्यादा प्रवेश नहीं हो पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को अच्छे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए आरटीई के तहत योजना शुरू की थी। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर, आरक्षित वर्ग के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाता था और उनकी फीस स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दी जाती है। पिछले वर्ष कहा गया था कि स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया के साथ ही आरटीई की प्रक्रिया शुरू करवा दी जाएगी। लेकिन इस बार भी आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया मई-जून में शुरू होने की उम्मीद की जा रही है तब तक अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश स्कूलों में करा चुके होंगे।
10 हजार से ज्यादा सीटें .....
आरक्षित, प्रवेश 40% भी नहीं हो पाते हैं : जिले के प्राइवेट स्कूलों में 25% तक सीटें आरक्षित होती हैं, लेकिन प्रवेश प्रक्रिया में यह सीटें पूरी नहीं भर पाती हैं। इसकी वजह देर से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होना बताया जाता है। जिला परियोजना समन्वयक सीबी तिवारी ने कहा कि आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया के लिए मई से शुरू होना संभावित है, अभी स्कूलों की मेपिंग का काम किया जा रहा है।

न्यूज़ सोर्स : Icn