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(सतीश मैथिल सांचेत)
सांचेत गुड़ी पड़वा हिंदुओं समाज का नया साल ओर ये नया वर्ष सभी के लिए कैसा रहेगा यह हमारे काशी के ज्योतिष आचार्य प्रवीण राजोरिया जी द्वारा वताया गया है राक्षस संवत्सर विचार व फल इसका अर्थ ये है
इस वर्ष के प्रारंभ में राक्षस नाम संवत्सर रहेगा मतलब
इस वर्ष राजा शनि रहेंगे तथा मंत्री गुरु हैं। राजा तथा मंत्री में परस्पर समभाव है ।परंतु इस वर्ष राजा शनि है।। इसलिए प्रजा को कई कष्टों से गुजर ना होगा। जगन लग्न के विचार से लग्नेश बुध सूर्य राहु के साथ हैं। अतः प्रजा कल्याण के लिए अनेक योजनाएं बनेंगी अमेरिका देश को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। गुरु पर शनि की दृष्टि से विमान दुर्घटना या भयंकर प्राकृतिक प्रकोप से हानि होगी।
शनि मंगल का द्वी द्वादश योग विश्व के कुछ राष्ट्रों में किसी विषय को लेकर स्थिति उग्र रूप धारण कर सकती है। मित्र देशों में भी राजनीतिक संबंध अकस्मात बिगड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में राष्ट्रों में ध्रुवीकरण की प्रकृति जोर पकड़ लेगी। वर्ष लग्न के विचार से लग्नेश नीच राशि में है ।
शनि की दृष्टि होने से यह ग्रह स्थिति विश्व में घटनाचक्र का आभास कराएगी किसी राष्ट्र में भूकंप जल उपलब्ध आदि प्राकृतिक प्रकोप से जनधन की हानि होगी।
यूरोपीय देशों की ग्रह स्थिति से पश्चिमी जर्मनी फ्रांस इडली रोम स्पेन ब्रिटेन आयरलैंड में कहीं भूकंप आदि प्राकृतिक प्रकोप होगा ।
मुस्लिम राष्ट्रों में आंतरिक संघर्ष से सत्ता परिवर्तन के योग हैं ।
नव वर्ष प्रवेश में भारत की प्रभाव राशि मकर है लेकिन वृश्चिक लग्न में नव वर्ष उदय होने से पश्चिमी प्रांत विशेष में कहीं नव मास तक दुर्भिक्ष की स्थिति बनी रहेगी। उत्तर में विपरीत जलवायु के कारण फसलें प्रभावित होंगी। सोना चांदी धातु में महंगाई अधिक बढ़ेगी लोगों के विविध प्रकार के रोगों की व्याप्ति अधिक होगी चोरी डकैती लूटमार एवं भ्रष्टाचार की वारदातें अधिक घटित होंगी।
आर्द्रा प्रवेश संघ के विचार से आद्रा प्रवेश कुंडली में धनु लग्न में है लग्नेश गुरु सुख भाव में है जल राशि में है एवं चंद्र भी जल राशि में है भारत के पश्चिमी बा पूर्वी भागों में महाराष्ट्र कर्नाटक गुजरात मध्य प्रदेश राजस्थान उड़ीसा उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब आदि के क्षेत्रों में अधिक तापमान रहेगा भीषण गर्मी पड़ेगी
पश्चिमी पूर्वी भारत में मानसून की वर्षा तय समय पर होगी कहीं दुर्भिक्ष सूखा पड़ेगा इसलिए समाज व सरकार को सावधान होने की आवश्यकता है जलीय ग्रह शुक्र स्वराशि में बुध के साथ है अतः कहीं बाढ़ भूस्खलन आदि प्राकृतिक प्रकोप से हानि होगी विचार से शरद ऋतु की फसलें पर्याप्त होंगी ग्रीष्म काल की फसलों में प्राकृतिक प्रकोप से हानि संभव है

न्यूज़ सोर्स : Icn