जानिए क्यों लगा है रायसेन किले पर स्थित सोमेश्वर धाम महादेव मंदिर पर ताला...
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वालो ने की है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से ताला खुलवाने की अपील,क्या कहना है पुरातत्वविदों का.......क्या कहना है मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी और भाजपा विधायक पूर्व मंत्री रामपाल सिंह का.....
India city news.com
(राजकिशोर सोनी)
रायसेन क़िले पर स्थित भगवान शिव के प्राचीन मन्दिर सोमेश्वर धाम महादेव मंदिर में सेंट्रल आर्केजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के ताले में कैद होने पर राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वालो ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से ताला खुलवाने की अपील की है। रायसेन जिला मुख्यालय पर चल रही त्रिपुण्ड शिवमहापुराण के दौरान लगभग एक लाख श्रद्धालुओं के समक्ष रायसेन बासियों को अलग ही अंदाज में चुनोती दे डाली जिसको लेकर सोशल मीडिया पर VDO जमकर बायरल हो रहा है। उन्होंने बाद में शालीनता के साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भारत सरकार के पीएम एवं संस्कृति मंत्रालय से आग्रह किया कि इस प्राचीन मंदिर के द्वार पूजा के लिए रोज खोले जाने चाहिए। जिससे रायसेन शहर वासी खुशहाल हो सके।
रायसेन किले पर स्थित प्राचीन सोमेश्वर धाम शिव मंदिर में देश की आजादी के बाद से ताला लगा हुआ है.. यह देश का एक मात्र ऐसा शिवालय हैं जो साल में केवल 12 घण्टो के लिए शिवरात्रि के दिन खोला जाता हैं। पुरातत्व विभाग अपने नियमो का हवाला देकर मन्दिर को पूजन के लिए बंद किये हुए हैं। वही आज तक किसी सरकार ने यहा से ताले खोलने का साहस नही जुटाया। जबकि रायसेन के शिव भक्त श्रद्धालु हर साल यह मांग शासन प्रशासन से करते आ रहे है कि उन्हें मन्दिर में रोजाना पूजा के लिए अनुमति दी जाए। अब कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने यह मुद्दा फिर उठाया है। जिसको लोग सीहोर वाली घटना के तरह गंभीरता से लेकर इस मामले को भी सोशल मीडिया पर जमकर उठा रहे हैं।

हालांकि इस मुद्दे पर मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी और भाजपा विधायक पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि इस संबंध में जो भी प्रक्रिया होगी उसका पालन किया जाएगा


श्री राजीव लोचन चौबे पुरातत्वविद ने बताया कि रायसेन सोमेश्वर धाम शहर की लगभग 800 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है यह मंदिर 10वीं 11वीं शताब्दी राजा महाराजा शासन काल 1974 से भोजपुर मंदिर खुलने के आदेश हो गए थे पर रायसेन सोमेश्वर धाम के साल में एक बार खुलने के ही आदेश हुए थे तब से यह मंदिर बंद है
किले की पहाड़ी पर स्थित सोमेश्वर धाम 10वीं और 11वीं शताब्दी मैं परमार काल में बना हुआ है राजा उदयादित्य के काल में मंदिर का निर्माण कराया गया था बताया जाता है कि राजा के शासनकाल में रानियां इस मंदिर में पूजा अर्चना करने आती थी इस मंदिर में भगवान शिव की 2 शिवलिंग विराजमान है जो रायसेन शहर सहित पूरे मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध है शिवरात्रि के समय साल में एक बार मंदिर के ताले खोले जाते हैं जहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं।
मंदिर साल में शिवरात्रि के 1 दिन खोला जाता है मंदिर की चाबी पुरातत्व विभाग के पास रहती है पर शिवरात्रि के दिन सुबह 5 बजे एसडीएम तहसीलदार सहित प्रशासनिक अधिकारियों के सामने मंदिर खोला जाता है वही मेले में आए श्रद्धालु दिन भर मंदिर में दर्शन करते हैं और प्रशासन के सामने ही शाम 5 बजे मंदिर में फिर से ताले डाल जाते हैं जो पूरी साल डाले रहते हैं। बाकी दिन श्रद्धालु मंदिर के गेट से ही पूजा अर्चना करते हैं।
1974 में मैं नागरिकों ने एक आंदोलन किया था मंदिर के ताले खोलने उस समय आंदोलन के दौरान कलेक्टर केके अग्रवाल थे उसी समय आरकेलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया तय किया था कि हम मंदिर के ताले साल में एक ही बार खोले जाएंगे और तभी से मंदिर के गेट बंद है।

न्यूज़ सोर्स : Icn