आखातीज पर मिट्टी के गुड्डे गुड़ियों की शादी का रिवाज
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सतीश मैथिल सांचेत
बच्चे रचाएंगे मिट्टी के गुड्डे- गुडि़यों की शादी, मिलेगा सत्तू का प्रसाद क़स्बा सांचेत में अखातीज पर प्रतिवर्ष छोटे-छोटे बच्चों द्वारा मिट्टी की गुड्डे- गुड़िया की शादी, सत्तू और चने की दाल खाने की परंपराओं के साथ सांचेत में अक्षय तृतीया के उत्सव मनाया जा रहा है। अक्षय यानी जिसका कभी क्षय न हो, जो कभी कम न हो। ऐसी ही संपन्न विरासत, संस्कारों और पंरपराओं के कभी क्षय न होने का उत्सव है अक्षय तृतीया।
विशेषज्ञ पंडित अरुण कुमार शास्त्री ने बताया कि अक्षय तृतीया का सामाजिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत महत्व है। हमारे देश में हर त्योहार मनाने के पीछे विज्ञानी कारण छिपा रहता है। एक ओर सांस्कृतिक संपन्नता और दूसरी ओर आने वाली पीढ़ी को परिवार और समाज का अर्थ समझाने वाले अक्षय तृतीया के पर्व की कोरोना काल में बहुत ही उयोगिता है। ये त्योहार चारों ओर फैली नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहा है। त्योहार की प्रत्येक परंपरा अपने आप में कुछ न कुछ महत्वपूर्ण समाहित किए हुए है।
मिट्टी से जुड़ने की बात: अक्षय तृतीया या अक्ति के दिन शाम के समय मिट्टी के बने गुड्डे- गुड़िया की पूजा की जाएगी। ये मिट्टी से बने गुड्डे- गुड़िया मिट्टी से जुड़ने का संदेश देते हैं
चंद्रमणि चौबे ने बताया कि बच्चे गुड्डे- गुड़िया को सजा कर इनकी शादी रचाते हैं। इस परंपरा का उद्देश्य बच्चों को परिवार और रिश्तों का महत्व समझाना है। जब बचपन से बच्चे परिवार, रिश्तों रीति, रिवाजों का महत्व समझेंगे तब ही बड़े होकर उन्हें निभा पाएंगे। परंपराओं का निर्वहन हमारी संस्कृति का हिस्सा है। यही हमारे समाज, देश को एकता के सूत्र में बांधे हुए हैं। गुड्डे- गुड़िया की शादी समाज को सकारात्मक ऊर्जा देती है। खुशी का अहसास कराती है। जिसकी समाज को बहुत जरूरत है।

सत्तू से मिलता प्रोटीन और फाइबर
चंद्रमणि चौबे ने बताया कि उनकी नानी ने बताया था कि अक्ति के दिन सत्तू,खरबूजा और चने की दाल का प्रसाद चढाते हैं। गर्मी के दोनों में ये सभी चीजें ठंडक देती हैं इसलिए इसे प्रसाद के रूप में खाया जाता है। वहीं आहार और पोषण विशेषज्ञ स्मिता करन भी बताती हैं कि सत्तू चने और गेहूं से मिलकर बनता है तो इसमें प्रोटीन होता है। वहीं हाई फाइबर युक्त होता है। गर्मी के दिनों में शरीर में ठंड़क बनाये रखता है। इसके अलावा खरबूज से गर्मी के दिनो में शरीर में पानी की कमी नहीं रहती। चने की दाल भी प्रोटीन का बड़ा सोर्स होती है। बढ़ते बच्चों के लिए प्रोटीन महत्वपूर्ण होता है।
क़स्बा सांचेत मै आज मनाई जाएगी अक्षय तृतीया

सांचेत अक्षय तृतीया पर बन रहे 3 राजयोग
इस शुभ मुहूर्त में करेंगे खरीदारी तो मिलेगी अपार समृद्धि पंडित अरुण कुमार शास्त्री बताते हैं कि
अक्षय तृतीया बहुत अहम पर्व है. इस दिन शुभ कामों और खरीदारी के लिए अबूझ मुहूर्त रहता है. लेकिन इस साल तो यह दिन और भी ज्‍यादा खास है क्‍योंकि अक्षय तृतीया पर 3 राजयोग बन रहे हैं.
अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, खरीदारी के लिए अबूझ मुहूर्त भी होता है. इस साल 3 मई, मंगलवार यानी कि आज ये पर्व मनाया जाएगा. यह वैशाख महीने के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. इस बार अक्षय तृतीया पर 3 राजयोग बनने के कारण यह और भी खास हो गया है. मरघटिया महावीर मंदिर के महंत कन्हैया दास जी महाराज बताते हैं कि
पूजा, स्‍नान-दान का है खास महत्‍व
अक्षय का मतलब है कि जिसका क्षय न हो. मान्‍यता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए कामों का क्षय नहीं होता है या इस दिन किए गए कर्म बहुत ज्‍यादा लाभ देते हैं. इसलिए इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करने, पूजा-पाठ करने, दान करने, खरीदारी करने का बहुत महत्‍व है. इस दिन भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की पूजा करते हैं ताकि हमेशा उनकी कृपा बनी रहे. साथ ही सोना-चांदी, घर-गाड़ी जैसी कीमती चीजें खरीदते हैं ताकि घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहे.

अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं राजयोग
इस साल 3 मई, अक्षय तृतीया पर ग्रहों की स्थिति बहुत खास रहने वाली है, जिसके कारण इस दिन मालव्य राजयोग, हंस राजयोग और शश राजयोग बन रहे हैं. अक्षय तृतीया पर इन राजयोगों का बनना बहुत शुभ है. इन राजयोग में कोई भी शुभ काम या मांगलिक काम करना बहुत अच्‍छा फल देगा. खरीदारी करने के लिए भी यह स्थितियां बहुत ही शुभ हैं.
अक्षय तृतीया पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05:39 बजे से दोपहर के 12:18 बजे तक है.

वहीं सोना-चांदी, घर-गाड़ी आदि खरीदने का शुभ मुहूर्त सुबह 05:39 बजे से अगले दिन के सुबह 05:38 बजे तक रहेगा

न्यूज़ सोर्स : Icn