(राजकिशोर सोनी)
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रायसेन जिले के पुरातत्विक महत्व के ऐतिहासिक किले तक भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पंडित प्रदीप मिश्रा की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से किले स्थित शिव मंदिर के गर्भगृह में लगे ताले खोलने की अपील के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के रायसेन आने
और गंगाजल से शिव अभिषेक करने की घोषणा की है। जिसके बाद प्रशासन का तनाव बढ़ गया था। लेकिन रविवार को ओरछा में
मुख्यमंत्री शिवराज और उमा के अबोला के वीच बनी नई केमिस्ट्री से प्रशासन की चिंता बहुत हद तक कम हो गई है। उमा अब शिवराज से ओरछा में लंबी चर्चा के बाद रायसेन आ रही हैं। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि उमा रायसेन किले तक तो आएंगी लेकिन न ताले खोलने और न ही गंगाजल से वे शिव अभिषेक करने पर जोर देंगी। सूत्र यह भी बताते है कि परिस्थिति अगर अनुकूलित रही तो गर्भ गृह के ताले खोलकर उन्हें अभिषेक करने का मौका दिया जाएगा फिर वापिस ताले डाल दिये जायेंगे। इधर प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से अपनी तैयारी पूरी कर ली है। उधर कल जिला प्रशासन ने मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती के दिनांक आज सोमवार को रायसेन के किले पर स्थित शिव मंदिर आने की सूचना पर जिला प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री भारती को अवगत कराया है कि रायसेन का किला एवं उसमें स्थित शिव मंदिर केन्द्रीय पुरातत्व विभाग (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के अधीन है। मंदिर का गर्भगृह केन्द्रीय पुरातत्व विभाग द्वारा सिर्फ महाशिवरात्रि पर खोला जाता है। शेष दिनों में यह बंद रहता है। रोजाना निर्धारित समय में दर्शक/पर्यटक दरवाजे के बाहर से शिवलिंग एवं अन्य पुरातात्विक महत्व की संरचनाओं का अवलोकन कर सकते हैं।
जिला प्रशासन एवं राज्य शासन द्वारा शिव मंदिर के गर्भगृह को खोलने का निर्णय नहीं लिया जा सकता है। जिला प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री भारतीय के 11 अप्रैल के प्रवास हेतु केन्द्रीय पुरातत्व विभाग को अवगत कराया है। केन्द्रीय पुरातत्व विभाग यदि अनुमति दे देता है तो जिला प्रशासन तत्काल सुश्री भारती को अवगत कराएगा। अभी की स्थिति में जिला प्रशासन का प्रयास है कि उनके आने के पूर्व तक  कोई उत्तर केन्द्रीय पुरातत्व से प्राप्त हो। इन तथ्यों से जिला प्रशासन द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री भारती को अवगत कराया गया है।

न्यूज़ सोर्स : Icn