नई दिल्ली । सीबीआई ने इंटरपोल की मदद से 33 भगौड़े अपराधियों को विदेशों से वापस ले आई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बताया कि उसने पिछले वर्ष 2022 में कुल 27 जबकि इस वर्ष अब तक छह भगौड़ों को देश वापस लाया गया है। ये सभी भगौड़े अपहरण और हत्या के आरोपी हैं। केरल पुलिस इनकी वर्षों से तलाश कर रही थी। सीबीआई ने इन भगौड़े अपराधियों की वतन वापसी के लिए ऑपरेशन त्रिशूल चला रखा है। त्रिशूल दुनियाभर में छिपे भारतीय अपराधियों की तलाश करके उन्हें वापस लाने का अभियान है। सीबीआई को अभियान में ताजा-ताजा सफलता मोहम्मद हनीफ मक्काटा के रूप में मिली है, जिसकी तलाश अपहरण और हत्या के एक मामले में थी। मक्काटा को रविवार को सऊदी अरब से भारत लाया गया। शुरुआती प्रक्रियाओं के बाद मक्काटा को केरल पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि भगौड़े मक्काटा के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया गया था और वर्ष 2006 में करीम नामक व्यक्ति के अपहरण और हत्या के सिलसिले में केरल पुलिस को हनीफ की तलाश है। उन्होंने बताया कि कोझिकोड के कुन्नामंगलम पुलिस थाने ने मामले की जांच की थी। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की इंटरपोल इकाई ने सीबीआई को मक्काटा के ठिकाने की जानकारी दी थी और एक टीम भेजकर मक्काटा को भारत वापस ले जाने का अनुरोध किया था।
इंटरपोल के मुताबिक, भारतीय एजेंसियां वैश्विक स्तर पर 276 भगौड़ों की तलाश कर रही हैं। इसमें से 30 हाई प्रोफाइल अपराधी भी हैं, जिन्होंने भारत को लूटा है। नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, नितिन संदेसरा और जतिन मेहता इसतरह के आर्थिक अपराधी हैं, जिन्हें विदेशों से भारत लाने की जोरदार कवायद चल रही है। सीबीआई ने इन सबके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा है।