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सांचेत दुर्गा सप्तशती पाठ व हवन यज्ञ का समापन मुगालिया में रविवार को पंडित अरुण कुमार शास्त्री द्वारा कराया गया ग्राम मुगालिया में नौ दिवसीय अनुष्ठान समाप्त जय जवान राधे कृष्ण मीणा वीर सिंह मीणा थान सिंह मीणा आकाश मीणा सागर मीणा नेहा मीणा भय्यू मीणा बेद  मीणा आदि आदि ने माता जी का हवन किया
बालीपुर धाम के अंबिका आश्रम में शनिवार से सोमवार तक पूर्णिमा व शाकंभरी प्रकटोत्सव नवरात्र पर्व मनाया गया। पंडित अरुण कुमार शास्त्री  के सान्निाध्य में दुर्गा सप्तशती पाठ, नवार्ण मंत्र, क्षमा प्रार्थना, देव्य क्षमापन स्तोत्र, तंत्रोक्तम देवी सुक्तम, हवन-यज्ञ आदि संपन्ना हुए।पंडित शास्त्री  ने बताया कि नों  दिवसीय कार्यक्रम में मां शाकंभरी का पूजन किया जाता है। नौ देवियों में शाकंभरी देवी नौवां रूप हैं। इसकी गणना 51 शक्तिपीठों में की जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हिरण्याक्ष के वंशज दुर्गमदास ने ब्रह्माजी की तपस्या कर चारों वेदों को अधीन कर लिया था। इससे ब्राह्मणों ने अपना धर्म त्याग कर दिया था। इससे शाकंभरी पूर्णिमा को शाकंभरी प्रकटोत्सव नवरात्र के रूप में मनाया जाता है। इन्हें हरियाली का भी प्रतीक कहा जाता है

न्यूज़ सोर्स : Icn