धार्मिक शास्त्रों के अनुसार एकादशी (Ekadashi 2022) के दिन उपवास रखने का बहुत अधिक महत्व माना गया है।

हिन्दू धर्म के अनुसार एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले मनुष्य को दशमी के दिन से ही कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा सावधानीपूर्वक नियमों का पालन करते हुए व्रत करना चाहिए। यहां पढ़ें एकादशी पर क्या करें, क्या न करें-

एकादशी के दिन क्या करें-

1. एकादशी के दिन स्नानादि करके मंदिर में जाकर गीता का पाठ करें अथवा श्रवण करें। एकादशी व्रत कथा पढ़ने पाप और रोगों से मुक्ति मिलती है।

2. श्री विष्णु के द्वादश मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें। राम, कृष्ण, नारायण आदि विष्णु के सहस्रनाम को कंठ का भूषण बनाएं।

3. इस दिन मिठाई का भोग श्री विष्णु को लगाकर तथा तुलसीदल छोड़कर बाकी प्रसाद परिवार वालों को वितरित करके खुद भी ग्रहण करना चाहिए। केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता आदि फलों का सेवन करें।

4. द्वादशी के दिन पारणा करने के पूर्व ब्राह्मणों को मिष्ठान्न, दक्षिणा आदि देने के पश्चात ही खुद भोजन करें।

5. एकादशी तिथि पर अपनी शक्तिनुसार दान अवश्य करें, किंतु स्वयं किसी का दिया हुआ अन्न आदि कदापि ग्रहण न करें।

क्या न करें-

1. एकादशी के दिन क्रोध नहीं करना चाहिए, तथा मधुर वचन बोलना चाहिए। अधिक नहीं बोलना चाहिए। अधिक बोलने से मुख से न बोलने वाले शब्द भी निकल जाते हैं। पूर्ण ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें।

2. एकादशी के दिन गाजर, शलजम, गोभी, पालक, मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।

3. इस दिन बाल नहीं कटवाए तथा नाखून भी नहीं काटने चाहिए।

4. एकादशी के दिन वृक्ष से पत्ता तोड़ना वर्जित है। अत: स्वयं गिरा हुआ पत्ता लेकर सेवन करें। प्रात: लकड़ी का दातुन न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और अंगुली से कंठ साफ करना चाहिए। यदि यह संभव न हो तो पानी से 12 बार कुल्ले कर लें।

5. एकादशी व्रत के एक दिन पूर्व से यानी दशमी और एकादशी तिथि के दिन चावल का त्याग करना चाहिए, मान्यतानुसार एकादशी के दिन जो चावल का सेवन करने से पाप लगता है।