भोपाल। केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन और उनका लाभ पात्र हितग्राहियों को दिलाने में मप्र, देश में लगातार अग्रणी बना हुआ है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश को कई पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास की जो गंगा प्रवाहित हो रही है उसमें प्रदेश के विभागों का कितना योगदान है उसका हिसाब-किताब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्रियों और अधिकारियों से लेंगे। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री दिसंबर में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले राज्य की केंद्रीय योजनाओं की छमाही समीक्षा करेंगे। इस समीक्षा में खासतौर पर भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के लक्ष्यों पर ध्यान दिया जाएगा। सभी विभागों से यह रिपोर्ट ली जाएगी कि केंद्र द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को कितना हासिल किया गया है। इस समीक्षा में संबंधित विभागों के मंत्री और अधिकारी शामिल होंगे, जो योजनाओं की प्रगति और चुनौतियों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की जिन योजनाओं के क्रियान्वयन में मप्र देश में अग्रणी है उसमें पीएम स्व-निधि योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, पीएम आवास योजना, कृषि अवसंरचना निधि, प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना, पीएम स्वामित्व योजना, नशामुक्त भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना, मछुआ क्रेडिट कार्ड योजना, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्वच्छ भारत मिशन शामिल हैं। वहीं मुख्यमंत्री अन्य योजनाओं को गति देने में लगे हुए हैं। इसलिए वे विभागों में चल रही केंद्रीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रिपोर्ट लेंगे। उधर, वित्त विभाग सभी विभागों का लेखा-जोखा तैयार कर रहा है। इसमें आवंटित राशि के उपयोग के साथ यह भी देखा जाएगा कि किस-किस विभाग ने भारत सरकार से बजट में प्रस्तावित राशि प्राप्त कर ली है और आगे उसे प्राप्त करने की क्या कार्ययोजना है। मंत्री-अधिकारियों को भेजा जाएगा दिल्ली विभागीय समीक्षा के बाद मंत्रियों और अधिकारियों को लंबित परियोजनाओं की राशि स्वीकृत कराने के लिए दिल्ली भेजा जाएगा।


विभागों के बजट पर भी चर्चा
दरअसल, सभी विभागों में भारत सरकार की विभिन्न योजनाएं चल रही हैं। इनके लिए जो लक्ष्य निर्धारित हैं, वे पूरे हुए या नहीं, इस पर संबंधित विभाग के मंत्री और अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी। गौरतलब है कि मप्र को वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्र सरकार से 44,891 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता का प्रविधान किया गया है। इसके अलावा, केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में 95,753 करोड़ रुपये की राशि 14 किस्तों में दी जानी है, जिसमें से दीपावली से पहले 14,000 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। सरकार ने जुलाई 2024 में पूर्ण बजट पेश किया था, और सभी विभागों को लेखानुदान और पूर्ण बजट की राशि मिलाकर आवंटन किया जा चुका है। इस वित्तीय सहायता का उपयोग राज्य की विकास योजनाओं और परियोजनाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे आवंटित बजट का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करें ताकि निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जा सके। अब मुख्यमंत्री स्वयं इस बजट उपयोग की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारी भी प्रारंभ कर दी है। उपसचिव स्तर के अधिकारियों की बैठकें शुरू हो गई हैं, जिनमें प्रत्येक विभाग से उनकी योजनाओं में आवंटित बजट और उसके उपयोग का विवरण लिया जा रहा है। इसका उद्देश्य अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट तैयार करने में योजना और खर्च की स्थिति का स्पष्ट आकलन करना है।


आगामी माह की कार्ययोजना पर चर्चा
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री सभी विभागों से पिछले छह माह का लेखा-जोखा लेंगे और आगामी माह की कार्ययोजना पर चर्चा करेंगे। इस समीक्षा में विशेष रूप से उन विभागों पर ध्यान दिया जाएगा जो आवंटित राशि का पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाए हैं। ऐसे विभागों से राशि समर्पित कराकर उन विभागों को दी जाएगी जिनकी योजनाओं और परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है। इसका उद्देश्य बजट का अधिकतम और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना और प्रदेश की विकास योजनाओं को गति देना है। केंद्र की योजनाओं के क्रियान्वयन में मप्र देश में अव्वल है और मुख्यमंत्री की कोशिश है कि यह प्रगति और रफ्तार पकड़े। गौरतलब है की प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 8 लाख 40 हजार 940 आवास निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध 8 लाख 20 हजार 575 आवास बनाये जा चुके हैं। योजना में उपलब्धि 97.58 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 37 लाख 98 हजार 709 आवास निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध 36 लाख 25 हजार 20 आवास बनाये जा चुके हैं। योजना में उपलब्धि 95.43 प्रतिशत है। जल जीवन मिशन में 83 लाख 27 हजार 582 के लक्ष्य के विरूद्ध 72 लाख 89 हजार 228 नल कनेक्शन (हर घर-नल से जल) प्रदाय कर 87.53 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की जा चुकी है। आयुष्मान भारत योजना में 4 करोड़ 70 लाख 96 हजार 914 आयुष्मान कार्ड जारी करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 4 करोड़ 2 लाख 22 893 आयुष्मान कार्ड जारी किये जा चुके हैं। योजना में उपलब्धि का प्रतिशत 85.83 है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में 72 हजार 994 किलामीटर ग्रामीण सडक़ बनाने के लक्ष्य के विरूद्ध 72 हजार 965 किलामीटर सडक़ निर्माण किया जा चुका है। योजना में उपलब्धि का प्रतिशत 99.98 है। पीएम किसान सम्मान निधि में लक्षित 83 लाख 83 हजार 208 किसानों को नियमित रूप से शत-प्रतिशत पात्र कृषक हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। योजना में उपलब्धि का प्रतिशत 99.98 है। पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना में पंजीकृत 93 लाख हितग्राहियों का लाभ मिल रहा है। योजना में उपलब्धि का प्रतिशत 100 है। स्वामित्व योजना में 29 लाख 99 हजार 23 स्वामित्व कार्ड जारी करने के लक्ष्य के विरूद्ध 23 लाख 50 हजार कार्ड जारी किये जा चुके हैं। साथ ही 43 हजार 130 ग्रामों का ड्रोन सर्वे कर शत-प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई है। भारत नेट योजना में 20 हजार 422 ग्राम पंचायतों में आप्टीकल फाईबर केबल स्थापित कर 100 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई। स्वाइल हेल्थ कार्ड योजना में 7 लाख 79 हजार 651 स्वॉइल हेल्थ कार्ड वितरित कर 77.96 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई। किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 65 लाख 83 हजार 726 किसानों के क्रेडिट कार्ड तैयार कर निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई है। किसान क्रेडिट कार्ड (पशु पालन) योजना में 6 लाख 4 हजार 441 किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण कर 78.84 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई। किसान क्रेडिट कार्ड (मछली पालन) योजना में किसान क्रेडिट के निर्धारित लक्ष्य एक लाख 77 हजार 390 के विरूद्ध एक लाख 35 हजार 646 कार्ड वितरित कर 76 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई। अटल पेंशन योजना में निर्धारित लक्ष्य 26 लाख 15 हजार के विरूद्ध शत-प्रतिशत हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। पीएम स्व-निधि योजना में निर्धारित लक्ष्य 7 लाख 46 हजार 600 के विरूद्ध 11 लाख 74 हजार 96 हितग्राहियों को लाभान्वित कर मप्र, देश में नंबर-वन राज्य बन गया है। योजना में लक्ष्य के विरूद्ध 157.25 प्रतिशत की उपलब्धि अर्जित की गई है। अमृत सरोवर योजना में निर्धारित 3900 सरोवर निर्माण के विरूद्ध 5839 सरोवर निर्माण कर देश में अग्रणी बना है।