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(कॉपी पेस्ट)
एक नेता के लिये चमचा चयन करना मुश्किल काम होता हैं,क्योंकि चमचे आते तो तादाद में हैं पर चमचे का चयन रस्सी पर चलने जैसा काम हैं,चमचा थोड़ा ओव्हर स्मार्ट निकल जाये तो नेता को ओव्हर टेक कर जाता हैं,और अगर चमचा गेलिया बावला हो तो नेता की नाक कटाकर ही मानेगा,वैसे चमचा ख़ुद बिना नाक वाला प्राणी होता हैं,चमचा चयन की मेडिकल चेकअप मे पहली शर्त यही होती हैं कि चेकअप में चमचा नाक विहीन निकलना चाहिये,फिर उसके हाथ की मजबूती देखी जाती हैं कि वो नेताजी का सूटकेस उठा सकता हैं कि नही,फिर चमचे की दौड़ देखी जाती हैं कि वो नेताजी को देखकर कितनी तेज़ी से दौड़कर पास जा सकता हैं,फिर कान चेक किये जाते हैं कि वो क्या सुनते हैं और क्या नही सुनते,यही बात जीभ के बोलने पर भी लागू होती हैं,जीभ कहाँ मीठी हो और कहा तीखी इसका टेस्ट भी किया जाता हैं ।
चमचों के मेडिकल चेकअप के लिये एक बात और हैं वो हैं चमचों की रीढ़ की हड्डी यह बड़ी तरकीब से बनी होना चाहिये। इसके झुकने की और तने रहने की डिग्री व्यक्तियों के अनुसार अलग अलग होना चाहिये,अपने नेता के सामने रीढ़ की हड्डी को 90 से अधिक लगभग सौ डिग्री तक झुकते आना चाहिये ,और किसके सामने अस्सी ,सत्तर या पचास डिग्री झुकना यह पता होना चाहिये वरना चमचे की डिग्री बदलते देर नही लगती,फिर किसकी सामने तनके और अकड़ के खड़े रहना यह भी पता होना चाहिये यहाँ तन के खड़े रहना मतलब सीधे खड़े रहना और अकड़ के खड़े रहना मतलब पीछे की ओर झुकना होता हैं,इसलिये रीढ़ की हड्डी की भूमिका एक चमचे के लिये महत्वपूर्ण होती हैं ।
(इंदौर के सोशल मीडिया ग्रुप से कापी पेस्ट)

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