इस्‍लामाबाद । रोटी-रोटी के लिए मोहाल पाकिस्तान की सरकार अपने ही नागरिकों को बमुश्किल खाना-पानी मुहैया करा रही है, पर भारत से रार नहीं छोड़ रही है। जनता भूखों मर रही है और पाकिस्‍तान को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से जितना बेलआउट पैकेज चाहिए, जम्‍मू-कश्‍मीर का बजट उसका भी दोगुना कर दिया गया है। वास्‍तविकता के बावजूद पाकिस्‍तान का कश्‍मीर के लिए उसका लालच खत्‍म नहीं हो पा रहा है। कभी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो कश्‍मीर पर बयान देते हैं तो कभी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कश्‍मीर के लिए दुनिया से समर्थन मांगते, लेकिन वह हकीकत से कोसों दूर हैं।
वित्‍त वर्ष 2023-2024 के लिए भारत सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर का बजट 1 लाख 18 हजार 500 करोड़ रुपए तय किया है यानी 14.5 अरब डॉलर। पाकिस्‍तान को आईएमएफ से 7 अरब डॉलर का राह‍त पैकेज चाहिए। अब उसे यह बजट तो इस राशि का भी दोगुना है। भारत की तरफ से बताया गया है कि इस राशि का मतलब यही है कि वह जम्‍मू-कश्‍मीर के विकास मॉडल को आगे बढ़ाना चा‍हती है। सिर्फ कश्‍मीर ही नहीं, अगर भारत के दूसरे राज्‍यों की तुलना करें तो भी यह पाकिस्‍तान से कहीं गुना आगे हैं।
पाकिस्‍तान हमेशा कश्‍मीर में विकास होने की इस बात को मानने से इनकार कर देता है। इसकी जगह वह हमेशा पूरी दुनिया में कश्‍मीर को लेकर एक प्रपोगैंडे को आगे बढ़ता है। पिछले दिनों नियंत्रण रेखा से कश्‍मीर घाटी के हालात देखने वाले दो पाकिस्‍तानी यू-ट्यूबर्स ने भी यह सच सामने ला दिया कि उनके देश की सरकार जम्‍मू-कश्‍मीर पर झूठ बोल रही है। हर तरफ विकास, सांप्रदायिक सौहार्द्र, सस्‍ती बिजली, 5जी मोबाइल टॉवर और चारों तरफ विकास को देखकर ये ट्यूबर्स हैरान रह गए थे।