मुंबई । महाराष्ट्र के दिग्गज राजनेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार इन दिनों बड़े सियासी झंझावात का सामना कर रहे हैं। उनके भतीजे और एनसीपी में नंबर दो अजीत पवार के तेवर ने उन्हें परेशानी में डाल दिया है। उनके हालिया बयानों ने एनसीपी को तनाव में डाल दिया है। जूनियर पवार ने कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार की तारीफ की है। यह कोई पहला मौका नहीं है, जब महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आया है। 2019 के बाद से लगातार सियासी उथल-पुथल देखी जा रही है। एनसीपी विपक्षी गठबंधन का एक हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है।अजीत पवार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बार-बार की गई प्रशंसा ने उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलों को हवा दे दी है।
एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के लिए पीएम मोदी को श्रेय दिया है। पिंपरी चिंचवाड़ में अजित पवार ने मीडिया से कहा कि पीएम मोदी ने वो किया जो अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने पूर्ण बहुमत प्राप्त किया और 1984 के बाद ऐसा करने वाली वह पहली पार्टी बन गई। उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौरान भी सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह को सरकार बनाने के लिए कई दलों का समर्थन लेना पड़ा था, लेकिन पीएम मोदी ने 2014 के चुनाव में अपना करिश्मा साबित कर दिया। 
महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि मौजूदा समय में कोई भी नेता पीएम मोदी का उत्तराधिकारी नहीं दिखता है। उन्होंने कहा कि 2004 के चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने एनसीपी को 71 सीटों और कांग्रेस को 69 सीटें दी थीं। अजीत पवार ने कहा कि वह अब भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह शत-प्रतिशत महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे। अजीत पवार ने शुक्रवार को अपनी पार्टी की मुंबई इकाई के एक सम्मेलन को छोड़ दिया, जिससे राजनीतिक अटकलें लगने लगी हैं। कर्नाटक चुनाव के लिए जारी एनसीपी के स्टार प्रचारकों की सूची से भी उनका नाम गायब है। हालांकि, अजीत पवार ने कहा कि वह सम्मेलन में शामिल होने में असमर्थ हैं।