अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास को दोबारा खोलने की चर्चाओं के बीच दिल्ली एक बार फिर अफगान को लेकर विमर्श का केंद्र बन गया है। भारत के साथ विमर्श के लिए एक तरफ जहां अमेरिका के दो वरिष्ठ अधिकारी नई दिल्ली पहुंचे हैं वहीं अफगानिस्तान के पूर्ववर्ती सरकारों के कुछ वरिष्ठ अधिकारी जैसे डा. अबदुल्ला अबदुल्ला भी यहां पर हैं।उधर, दुशांबे में अफगानिस्तान में शांति बहाली पर चीन, रूस, ईरान व मध्य एशियाई देशों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक भी होने वाली है जिसकी अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि इसमें एनएसए अजीत डोभाल हिस्सा ले रहे हैं। संकेत इस बात के हैं कि अफगानिस्तान को लेकर भारत ने संयम दिखाने की जो रणनीति अपनाई थी उसके सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।वेस्ट ने बताया है कि उनकी विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव जेपी सिंह के साथ मुलाकात हुई है, जिसमें भारत की तरफ से अफगान को दी जा रही मदद और दूसरे विषयों पर विमर्श हुआ है। उन्होंने अफगानिस्तान में मानवीय सेवाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए भारत की तरफ से किये गये प्रयासों की भी सराहना की है।वेस्ट ने अफगानिस्तान की मदद के लिए भारत के साथ आगे भी काम करने की बात कही है। वेस्ट भारत से लौट चुके हैं लेकिन उप सचिव एलिजाबेथ रोजनबर्ग अभी यहां हैं। भारत पिछले कुछ महीनों के दौरान अफगानिस्तान को 50 हजार टन गेहूं के अलावा बड़ी संख्या में दवाइयों व चिकित्सा सामग्री भेज चुका है।