भोपाल ।    मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी की कवायद कर रही भारतीय जनता पार्टी ने बूथ को मजबूत करने के लिए माइक्रो मैंनेजमेंट (सूक्ष्म प्रबंधन) प्लान बनाया है। आमतौर पर मतदाता सूची के एक पन्ने में 60 या उससे ज्यादा मतदाता होते हैं। गुजरात में मतदाता सूची के एक पन्ने पर दो प्रभारी नियुक्त किए गए थे, लेकिन प्रदेश में एक पन्ने पर दो या ज्यादा कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में ये कार्यकर्ता अपने हिस्से के दस परिवार यानी तीस मतदाताओं से घर-घर जाकर जीवंत संपर्क बनाए हुए हैं। सभी मतदाताओं के सुख-दुख में साथ रहने से लेकर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर हर कार्यकर्ता उनसे संपर्क बनाए हुए है। विधायक-मंत्री से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान कराने का काम भी भाजपा कार्यकर्ता कर रहे हैं।

नियमित तौर पर दे रहे सूचनाएं

अब तक अलग-अलग चरणों में बूथ प्रभारियों के सम्मेलन हो चुके हैं। उससे नीचे जाकर भाजपा ने पन्ना और अर्ध पन्ना प्रभारियों का सम्मेलन आयोजित कर उन्हें प्रशिक्षण दे चुकी है। बूथ विस्तारक योजना से लेकर प्रवासी अल्पकालिक विस्तारकों ने भी बूथ की प्रक्रिया को कई बार मथ दिया है। राज्य स्तर पर सभी के मोबाइल नंबर जुटाकर पार्टी इन्हें वाट्सएप ग्रुप से सूचनाओं का आदान-प्रदान भी नियमित तौर पर किया जा रहा है।

भोपाल उत्तर से शुरू हुआ था पन्ना प्रभारी का प्रयोग

पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता बताते हैं कि भाजपा में पन्ना प्रभारी का प्रयोग सर्वप्रथम भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र में 1993 में आरंभ हुआ था, तब रमेश शर्मा गुटटू भैया ने विधानसभा चुनाव लड़ा था और मैं चुनाव प्रभारी था। इस चुनाव में हमने पन्ना प्रभारी का प्रयोग किया था तो पहली बार मुस्लिम बहुल इस सीट से कोई हिन्दू प्रत्याशी 10 हजार वोट से चुनाव जीत पाया था। इसके बाद मैंने वर्ष 2008 में अपनी दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में पन्ना प्रभारी नियुक्त किए।

इस दौरान तत्कालीन राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल भोपाल प्रवास पर आए थे। उन्होंने हमारी विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण किया और पन्ना प्रभारी की व्यवस्था देखी तो तो बोले, हम जिस बारे में सोच रहे हैं वो काम तो आपके यहां हो गया। इसके बाद यह व्यवस्था अन्य राज्यों में लागू की गई।

18 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता संभालेंगे बूथ समितियां

आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में एक बूथ पर 12 सौ और शहरी क्षेत्रों में 14 सौ मतदाता होते हैं। जिनमें एक पन्ने में 60 से लेकर नब्बे-सौ तक मतदाता आते हैं। भाजपा ने हर बूथ पर 30 से ज्यादा कार्यकर्ता तैनात किए हैं। प्रदेश में 64 हजार 5 सौ 23 बूथ हैं। इस आधार पर भाजपा 18 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं की टीम बूथ स्तर पर सक्रिय हैं।