नई दिल्ली । 2024 की चुनावी रणभूमि में उतरने के लिए विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी की घेराबंदी में जुटे हैं। कुछ दल जहां पहले कांग्रेस को खास तवज्जो दिए बिना बीजेपी विरोधी दलों को एकजुट कर रहे थे, लेकिन अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद तस्वीर कुछ बदली-सी नजर आ रही है। हिमाचल के बाद कर्नाटक का चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में नया जोश आ गया है, साथ ही देश की सबसे पुरानी पार्टी अब विपक्षी एकता के केंद्र में आ गई है। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 में मुकाबला बीजेपी बनाम कांग्रेस (बीजेपी विरोधी दल भी) होगा।
टीएमसी प्रमुख ममता पिछले कई दिनों से कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रही थी, लेकिन अब उनके तेवर कुछ बदले दिख रहे हैं। ममता ने चौंकाने वाला बयान देकर कहा कि वे कुछ राज्यों में कांग्रेस का समर्थन करेंगी। ममता ने कहा, अगर कांग्रेस लोकसभा की 200 सीटों पर लड़ती है, तब हम समर्थन को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस मजबूत हैं, वहां कांग्रेस को ही भाजपा के खिलाफ लड़ना चाहिए। हम उसका समर्थन करने को तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस को भी अन्य विरोधी राजनीतिक दलों के प्रति समान रवैया अपनाना होगा।
कर्नाटक में कांग्रेस की शानदार जीत से महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी भी उत्साहित नजर आ रहा है। पवार ने कहा कि कर्नाटक के नतीजों से सभी को एक संदेश मिला है। सभी विपक्षी पार्टियों को इस चुनाव ने एक रास्ता दिखाया है। पवार ने कहा कि विभिन्न राज्यों में समान विचारधारा वाली पार्टी एक साथ आकर जनता को एक विकल्प दे सकती हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत शिवसेना नेता ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत ने पूरे देश में पार्टी के लिए एक दरवाजा खोल दिया है। नतीजों से पता चलता है कि तानाशाही हार गई है। मोदी लहर अब खत्म हो गई है। अब हमारी बारी है, देश में अब हमारी लहर आने वाली है।