छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मंगलवार रात जिस बस में वे यात्रा कर रहे थे, वह एक 'मुरुम' मिट्टी की खदान के गड्ढे में गिर गई, जिससे कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए। सभी एक निजी कंपनी के कर्मचारी थे। इसकी जानकारी पुलिस ने दी।

दुर्ग के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दुर्घटना रात करीब साढ़े आठ बजे कुम्हारी पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत खपरी गांव के पास हुई, जब एक डिस्टिलरी कंपनी के कर्मचारी काम के बाद घर लौट रहे थे।

उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, 30 से अधिक लोगों को लेकर बस सड़क से फिसलकर 40 फीट गहरी 'मुरुम' खदान में गिर गई।

उन्होंने कहा, शुरुआत में दुर्घटना में 11 लोगों की मौत की सूचना मिली थी। बाद में अस्पताल में चार और लोगों की मौत हो गई।

मुरुम, एक प्रकार की मिट्टी, जिसका उपयोग अधिकतर निर्माण कार्यों के लिए किया जाता है।

शहर के पुलिस अधीक्षक (छावनी क्षेत्र) हरीश पाटिल ने कहा कि अलर्ट मिलने के तुरंत बाद, एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया।

अधिकारी ने बताया कि घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटनास्थल के दृश्यों से पता चलता है कि बस नीचे गिरने के बाद पलट गई और फंसे हुए यात्रियों को निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि घायल लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

साई ने कहा, एक बस दुर्घटना में एक निजी कंपनी के 11 कर्मचारियों की मौत की खबर मिली। मैं प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और भगवान शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को शक्ति दें।

राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से अनेक लोगों के हताहत होने का समाचार बहुत दुखद है। सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहन संवेदनाएं! मैं घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूँ। 

प्रधानमंत्री ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, दुर्ग जिले में हुए बस हादसे में जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रशासन हरसंभव मदद उपलब्ध करा रहा है।