अगर आपने अभी तक आईटीआर फाइल नहीं किया है तो आपको जल्द से जल्द आईटीआर फाइल कर देना चाहिए। आईटीआर फाइल करते समय आपको बेहद सावधान रहना चाहिए। आपको हर छोटी -छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए। एक छोटी-सी गलती आपको परेशानी में डाल सकती है। आपको आईटीआर फाइल करते समय टैक्स डिडक्शन का क्लेम करना जरूरी है। आपको बता दें कि आप स्टैंडर्ड डिडक्शन का क्लेम भी कर सकते हैं। इसमें आपका टैक्स अमाउंट को कम हो जाएगा। इस डिडक्शन से आप फिक्स्ड अमाउंट में टैक्स इनकम को करवा सकते हैं। आइए जानते हैं कि आप इस डिडक्शन के लिए कैसे क्लेम कर सकते हैं।

कैसे करें अप्लाई?

आपको इनकम टैक्स के वेबसाइट पर जाकर रिटर्न फाइल करना होगा। जब आप रिटर्न फाइल कर रहे होंगे तब आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन का अमाउंट भी डालना होगा। अगर आप सैलरीड पर्सन हैं तो आप इसका लाभ उठा सकते हैं। आप इसका क्लेम केवल आईटीआर भरते समय ही कर सकते हैं।

कितना क्लेम कर सकते हैं?

सैलरीड पर्सन स्टैंडर्ड डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं। आप इसके लिए 50,000 रुपये का ही क्लेम कर सकते हैं। इसमें आप चिकित्सा भत्ता, परिवहन भत्ता पर हुए खर्चे के बाद पर ही डिडक्शन ले सकते हैं। इसमें वहीं सैलरीड पर्सन शामिल होते हैं जो किसी प्राइवेट कंपनी, सरकारी या फिर गैर-सरकारी संगठनों में कार्यरत हों। अगर आप 1 लाख का टैक्स भरते हैं तो आप इस डिडक्शन के बाद केवल 50,000 रुपये ही टैक्स देंगे। अगर आपका खुद का कोई बिजनेस हैं तब आप इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सकते हैं।

सरकार ने क्यों बंद किया था स्टैंडर्ड डिडक्शन?

स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता के साथ हुई थी। यानी ये 1947 से शुरू है।  बाद में सरकार ने इस डिडक्शन को बंद कर दिया था। साल 2018 में इस डिडक्शन को केंद्रीय बजट में दोबारा पेश किया गया था। इसके बाद ये डिडक्शन दोबारा शुरू हो गया था। इसमें टैक्स देने में कटौती होती है। वित्त वर्ष 2023-24 में टैक्सपेयर्स को दो टैक्स रिजीम में से एक का विकल्प दिया है। अगर आप नई टैक्स रिजीम चुनते हैं तब भी आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा मिलेगी।