भगवान श्री राम जी की  सेना और कुंभकरण की सेना के बीच हुआ घनघोर युद्ध

सी एल गौर

रायसेन। श्री राम लीला महोत्सव के चलते सोमवार को रामलीला मैदान में कुंभकरण वध की प्रभावी लीला का मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा बहुत ही शानदार ढंग से किया गया, जिसे देखने के लिए रामलीला मैदान के चारों और श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही थी इस प्रभावी मंचन को देखने लोग उत्सुक दिखाई दे रहे थे। प्रस्तुत की गई लीला के अनुसार लंकापति रावण का मजला भाई कुंभकरण जो कि 6 माह से अपने घर पर ही गहरी नींद में सोया हुआ था सारी लंका जल गई सेना के कई युद्ध मारे गए इसकी उसे कोई भनक नहीं थी जब रावण सेना द्वारा कुंभकरण की गहरी नींद जगाने के लिए सेना के लोगों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा संगीत के कार्यक्रम, गर्जना भरा संगीत, तेज आवाज की गई तब जाकर बमुश्किल कुंभकरण गहरी निद्रा से जागा और सीधा लंकापति रावण के पास पहुंचता है जहां मंत्री रावण को सूचना देते हैं इस प्रकार से सूप नखा द्वारा पूरी दास्तान सुना दी जाती है जिसे सुनकर कुंभकरण अचरज में पड़ जाता है और अपने बड़े भ्राता रावण से कहता है कि हे भाई आप क्या कर रहे हैं पराई स्त्री को चोरी से रखे हुए हैं अनीति के मार्ग पर चल रहे हैं आपको शोभा नहीं देता अपने कुल के लिए कलंक की बात है । इतने वचन कुंभकरण के जब रावण ने सुने तो रावण गुस्से में आग बबूला होता है और कुंभकरण से कहता है कि जाओ मेरे सामने से हट जाओ तुम्हारे जैसे कायर भाइयों की मुझे आवश्यकता नहीं है राम सेना से अकेला लंकापति रावण ही निपट लेगा । इस दौरान कुंभकरण क्योंकि बहुत  ज्ञानी थे वह नीतिगत रावण को समझा रहे थे परंतु रावण को समझ में नहीं आता है और अपने मंत्री को आदेश देते हुए  कहता है कि जाओ और कुंभकरण ऐसे नहीं मानेगा इसे अच्छा भोजन कराओ मांस मदिरा का सेवन कराओ नशे में इतना मदहोश हो जाए और राम सेना से लड़ने के लिए तैयार हो जाए, इधर रावण  सेना के लोग कुंभकरण को मांस, मदिरा पान कराते हुए इतना मदहोश कर देते हैं कि वह सारा ज्ञान भूल जाता है और रावण के पास पहुंच कर कहता है कि मैं राम सेना से युद्ध करने के लिए जाता हूं और रणभूमि के लिए चल देता है।  इसी बीच राम सेना के साथ बैठे हुए विभीषण जी कुंभकरण के पास आते हैं और उसे समझाते हुए कहते हैं कि हे भैया तुम तो समझदार हो ज्ञानी हो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम से क्यों झगड़ा मोल ले रहे हो जिस पर कुंभकरण नाराज होते हुए कहता है कि तुम्हारे जैसा भाई नहीं हूं भाई का साथ छोड़कर लंका नगरी से भागकर राम सेना में शामिल हो गए   तुम तो जाओ और तुम्हारे श्री राम जी से बोलो कि कुंभकरण तुमसे युद्ध करना चाहता है कुंभकरण के वचन सुनकर विभीषण जी
 भगवान श्री राम के पास चल देते हैं और वहां पहुंचकर भगवान श्रीराम से बने करते हुए कहते हैं कि हे प्रभु कुंभकरण आप से युद्ध करना चाहता है रणभूमि में आकर आप को ललकार रहा है।  जब विभीषण जी के विचार भगवान श्री राम  अपनी राम सेना को साथ लेजाकर रणभूमि में पहुंचते हैं जहां भगवान श्री राम की सेना और कुंभकरण की सेना के बीच लंबे समय तक युद्ध होता है । कुंभकरण युद्ध में कई तरीके अपनाता है परंतु भगवान श्री राम के आगे कुंभकरण की नहीं चलती उसके सेना के सारे योद्धा सहित अंत में भगवान श्री राम के हाथों से कुंभकरण भी मारा जाता है।  इस प्रकार से रामलीला मैदान में कुंभकरण वध की लीला का मंचन प्रभावी ढंग से कलाकारों द्वारा किया गया जिसकी बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने राजना की। इस दौरान लीला मंचन में प्रभु श्री राम की भूमिका शुभांशु शर्मा, लक्ष्मण की भूमिका कृष्णा शुक्ला, हनुमान जी की भूमिका अनिल पाराशर, और कुंभकरण की प्रभावी भूमिका राजेश पंथी पहलवान द्वारा निभाई गई।

रामलीला में  आज मंगलवार को मेघनाथ वध की प्रभावी लीला का होगा मैदानी मंचन।

श्री रामलीला मेला आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी सीएल गौर ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज मंगलवार को स्थानीय कलाकारों द्वारा मेघनाथ वध की प्रभावी मैदानी लीला का मंचन कलाकारों द्वारा किया जाएगा जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामलीला मैदान पहुंचेंगे। उक्त प्रसंग की लीला को देखने एवं धर्म का लाभ उठाने की अपील मेला समिति के अध्यक्ष बृजेश चतुर्वेदी, पंडित राजेंद्र शुक्ला, राजेंद्र सिंह राठौर, शैतान सिंह पवार, बबलू ठाकुर, चंद्र कृष्ण रघुवंशी, अशोक सोनी, गंगा महाराज ,बद्री पाराशर, हल्ला महाराज, शंकर लाल चक्रवर्ती, बालकृष्ण कनौजिया, चंद्र प्रकाश ताम्रकार, संजीव शर्मा, संदीप दुबे, मोहन राय, मनमोहन रैकवार कैलाश पहलवान सहित मेला समिति के पदाधिकारियों ने सभी धर्म प्रेमियों से की है।

न्यूज़ सोर्स : सी एल गौर रायसेन