राम रावण की सेना के बीच हुआ महासंग्राम,रावण वध की लीला प्रसंग के साथ वार्षिक श्रीराम लीला मेला का समापन

सी एल गौर रायसेन

रायसेन।शुक्रवार की रात परंपरागत वार्षिक श्री राम लीला महोत्सव में राम रावण की सेना के बीच महासंग्राम हुआ।इसके साथ ही लंकापति रावण भगवान प्रभु राम की सेना के बीच घमासान युद्ध हुआ और आखिर में अहंकारी लंकापति दशानन असुरों सहित महासंग्राम में मारा गया।श्री रामलीला मेला के आखिरी दिन रावण वध हुआ।इंद्रधनुषी आतिशबाजी के बीच बुराई के प्रतीक लंकापति रावण के पुतले की अग्निबाण नाभि में मारकर दहन किया गया।रावण वध लीला प्रसंग देखने भारी तादाद दर्शकों की भीड़ शहर सहित आसपास के गांवों से  मेला ग्राउंड में जमा हुए।

रावण वध की रामलीला प्रसंग में  के  अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा
मुख्य अतिथि थे।आयोजन में श्री राम लीला मेला समिति के कार्यकारी अध्यक्ष ब्रजेश चतुर्वेदी ,हल्ला महाराज ,राजेन्द्र राठौर राजू भैया,पण्डित  बद्री प्रसाद पाराशर चन्द्र मोहन गोयल ,भगवान दास लोहट एडवोकेट आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन चन्द्र कृष्ण रघुवंशी ने किया।

आकर्षण का केंद्र रहा रौद्र रूपी हनुमानजी का मुखोटा

हर साल की तरह इस साल भी जय रघुवीर तेरी जय महावीर समिति रायसेन द्वारा रौद्र रूपी वीर बजरंगबली  के मुकुट की ढोलनगाड़े के बीच निकाली गई।समिति के रामस्वरूप राठौर, कल्याण सिंह  कुशवाह, राजेश यादव पहलवान ,शिव कुमार खत्री वगैरह ने बताया कि साल में दो बार  मारुति नन्दन हनुमान का रौद्र रूपी मुखौटे को धारण पाटनदेव निवासी 28 वर्षीय लोकेश शर्मा नामक युवक ने ब्रम्हचर्य व्रत का पालन कर सिंदूरी चोला  धारण किया।वीर हनुमानजी के मुखोटे की शोभायात्रा बाजेगाजो के बीच सिद्ध खेड़ापति हनुमान मंदिर बावड़ीपुरा वार्ड 2 रायसेन से निकाली गई।

 

 

न्यूज़ सोर्स : सी एल गौर रायसेन