मामला सांची में अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत से अतिक्रमण का 

सांची रायसेन से देवेंद्र तिवारी

कहने को तो यह नगर एक विश्व ऐतिहासिक पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात है यहां समस्या का   जिम्मा  नगर परिषद के कंधे पर है परन्तु इस नगर में सुविधा कम असुविधा अधिक बलवती हो चुकी है  जिसका खामियाजा न केवल नगर वासियों को भुगतना पड़ता है बल्कि इन समस्याओं से देशी विदेशी पर्यटक भी अछूते नहीं दिखाई पड़ते ।नप प्रशासन को कोई सरोकार भी नहीं रहा है ।
जानकारी के अनुसार यह नगर एक विश्व ऐतिहासिक पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात है इस नगर की समस्याओं को हल कर सुविधा उपलब्ध कराने नगर परिषद को अस्तित्व में लाया गया था परन्तु नगर परिषद प्रशासन शासन प्रशासन के साथ ही जनता को सुविधा उपलब्ध कराने में असफल साबित हो चुकी है हालांकि ऐसा भी नहीं है कि नगर परिषद प्रशासन को इन समस्याओं की जानकारी न हो इस विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में स्थित बसस्टेंड परिसर में अतिक्रमण कारियो के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि सरकारी बेशकीमती जमीन पर तो काबिज हो ही चुके हैं बल्कि प्रशासन द्वारा बनाए गए फुटपाथों को भी पूरी तरह लील बैठे हैं बात यही तक सीमित नहीं रह पाती बल्कि इस परिसर से होटल लाजो सहित अन्य दुकानों के साथ बारिश का पानी निकासी हेतु नालियां बनाई गई थी इन नालियों को भी अतिक्रमण कारियो ने पूरी तरह खत्म कर डाला जिससे इस परिसर में पानी निकासी न होकर सड़कों पर जमा रहता है जिससे लोगों को चलना फिरना भी दूभर हो जाता है  इस परिसर में दाखिल होने रेलवे स्टेशन मार्ग से सुलभ काम्प्लेक्स से लेकर सड़क पर पानी भरा रहने से न केवल लोगों की परेशानी का सबब बन जाता है बल्कि राष्ट्रीय राजमार्ग से जनपद पंचायत कार्यालय के सामने से इस पहुंच मार्ग पर सड़क की जगह गढ्ढे खुड्डो से होकर गुजरना पड़ता है थोड़ी बहुत बारिश में इन गड्ढों में पानी भरने से यातायात अवरूद्ध तो होता ही है बल्कि गंदगी भरा पानी लोगों पर वाहनों से उचटकर गंदा कर देता है । ऐसा भी नहीं है कि जप मार्ग पर स्थित जिम्मेदार कार्यालय जप कृषि विभाग तहसीलदार कार्यालय पशु चिकित्सालय बिजली कंपनी के साथ बैंक जैसे कार्यालय लगे हुए हैं इन कार्यालयों में ज़िले के जिम्मेदार कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ एसडीएम सहित अन्य अधिकारी आते जाते रहते हैं परन्तु लगता है इस बसस्टेंड पहुंच मार्ग पर नजर न पड़ना भी सवाल खड़े करता है ऐसा भी नहीं है कि जिला प्रशासन इन समस्याओं से अनभिज्ञ हो जबकि जिला प्रशासन के मुख्य अंग कहलाने वाले एसडीएम स्वयं इस नगर की नगर परिषद के प्रशासक के रूप में कमान लंबे समय से सम्हाले हुए हैं परन्तु सुध लेने की फुर्सत नहीं मिल पा रही है बताया जाता है कि बसस्टेंड परिसर में प्रभावी लोग भी पीछे नहीं दिखाई देते हालांकि अतिक्रमण की शिकायते अनेक बार प्रशासन तक पहुंच चुकी है बावजूद इसके प्रशासन अतिक्रमण कारियो से पंगा लेने से कतराता नजर आता है बताया तो यहां तक जाता है कि इस अतिक्रमण के खेल में अधिकारी कर्मचारी भी शामिल बताए जाते हैं अतिक्रमण कारी इन लोगों की जेबें गर्म कर सरकारी जमीन लील बैठते हैं हद तो तब हो जाती है जब इस विख्यात नगर के बसस्टेंड परिसर के बाहर एक सुलभ काम्प्लेक्स निर्मित कर पीछा छुड़ा लिया है बसस्टेंड परिसर में पूर्व में काम्प्लेक्स हुआ करता था जिसे अधिकारियों ने अपनी मनमर्जी चलाते हुए ढहा दिया था इस परिसर में कहीं भी मूत्रालय की व्यवस्था नहीं है क ई बार मांग करने पर विगत वर्ष मूत्रालय तो बना दिया गया परन्तु उसमें भी नगर परिषद द्वारा ताले डाल कर मजाक उडा डाला ।ऐसी दशा में इस नगर को समस्याओं के दलदल में झोंक कर कर्ताधर्ताओं ने इस नगर की ऐतिहासिकता से खिलवाड़ करना शुरू कर दिया है । इस मामले में इसी वार्ड के पूर्व पार्षद तथा व्यापार महासंघ अध्यक्ष संतोष दुबे ने कहा है कि इस विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल की नगर परिषद मात्र कार्यालय तक ही सिमट कर रह गई है न तो अधिकारी न कर्मचारियों को ही समस्या हल करने की सुध लेने की फुर्सत मिल पा रही है अनेक बार समस्या से अवगत कराया गया परन्तु आश्वासन के अलावा कोई समाधान नहीं हो पाता है जिससे नगर में रोष बढ रहा है ।

न्यूज़ सोर्स : देवेंद्र तिवारी साँची