मुंबई। पुलवामा की घटना के समय सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। उन्होंने अब इस घटना से जुड़ी सच्चाई का जनता के सामने खुलासा किया है। यह हमारे जवानों पर कायरतापूर्ण हमला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता के सामने इस घटना से जुड़े सही तथ्यों को पेश करना चाहिए, लेकिन अब सत्यपाल मलिक के सवालों का जवाब दिए बिना उन्हें सीबीआई का नोटिस भेज दिया गया है। दरअसल मलिक ने देश की जनता के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का असली चेहरा उजागर कर दिया है, इसलिए अब उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। यह बात महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कही है। मीडिया से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले कुछ सालों से हम यह तस्वीर देखते आ रहे हैं कि जो भी मोदी सरकार के खिलाफ बोलता है  उसके खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की जा रही है। सत्यपाल मलिक बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। मोदी सरकार ने उन्हें जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों के राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारी दी थी। पुलवामा की घटना तब हुई थी जब सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। अब उनका कहना है कि पुलवामा की घटना के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार थी। इसके अलावा मलिक ने भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठाया है। उनके इन सवालों का जवाब देने की जगह केंद्र सरकार अब बदले की कार्रवाई कर रही है। न खाऊंगा, न खाने दूंगा, कहने वाली पार्टी क्या अब भ्रष्टाचार में फंसे लोगों को अपनी वाशिंग मशीन में धोने के बाद साफ़ कर देती है? यह सवाल आम लोग पूछ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ फर्जी मुहिम चलाई थी। देश की जनता सब जानती है कि भाजपा में कई भ्रष्टाचारी हैं, लेकिन मोदी सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। नाना पटोले ने कहा कि सत्यपाल मलिक ने जो खुलासे किए हैं, उसका जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों नहीं दे रहे? यह देश की जनता पूछ रही है। इसलिए प्रधानमन्त्री मोदी को सत्यपाल मलिक द्वारा उठाए गए मुद्दों पर तुरंत जवाब देते हुए सही तथ्यों से देश की जनता को अवगत कराना चाहिए।
- यदि खुश नहीं थे तो अजीत पवार को उसी वक्त सरकार से बाहर निकल जाना चाहिए था !
पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए नाना पटोले ने कहा कि अजीत  पवार साल 2010-2014 में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाली सरकार से नाराज थे तो उन्होंने मंत्री पद की शपथ क्यों ली? पृथ्वीराज चव्हाण हमारे नेता हैं और हम उम्मीद नहीं थी कि अजीत पवार उनके बारे में ऐसा कहेंगे। बड़ा सवाल यह है कि अजीत पवार को इतनी ही मुश्किल थी तो उन्हें उसी समय सरकार से बाहर निकल जाना चाहिए था। नाना पटोले ने अजीत पवार द्वारा मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर करने के बयान पर कहा कि अगर राजनीति में कोई मुख्यमंत्री बनना चाहता है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर अजीत पवार के पास 145 का बहुमत है, तो उन्हें निश्चित रूप से मुख्यमंत्री बनना चाहिए।